Friday, May 27, 2011

ना जाने ये कैसे हालात हैं मेरे?
ज़िन्दगी से कई अनसुलझे सवालात है मेरे?
कोई नहीं है पास,
तनहा मैं और खयालात हैं मेरे,
मीलो वीरानी छाई हैं,
ना चाहते हुए भी याद किसी की आई हैं,
कह दो इन यादो से सताए ना मुझको,
बे-मतलब रुलाये ना मुझको,
रुमाल अब आंसुओं को सोखता नहीं,
कोई किसी के आंसू पोछता नहीं,
इतना अकेला कभी अपने को पाया ना था,
दूर मुझसे कभी मेरा साया ना था,
ना जाने ये कैसे हालात हैं मेरे?
ज़िन्दगी से कई अनसुलझे सवालात है मेरे?

Monday, May 16, 2011

सोचा ना था...

इतनी उम्मीदे मेरी टूटेंगी सोचा ना था,
महफ़िल मेरी छूटेगी सोचा ना था,
हर आंसू के बदले हंसाया जाता था,
हंसी भी कभी रोएगी सोचा ना था,
आँखें बंद करने पर भी देखती थी जिनको,
आस-पास ना पाउंगी सोचा ना था,
गिरने की फ़िक्र कभी होती ना थी,
चलने से भी घबराउंगी सोचा ना था,
सबमे खो कर खुश थी इतना,
खुद को ना पाऊँगी सोचा ना था,
इतनी उम्मीदे मेरी टूटेंगी सोचा ना था,
महफ़िल मेरी छूटेगी सोचा ना था.