हर आहट पर उनका ख्याल आया,
वो ना आये,पैगाम हर बार आया,
पैगाम में उनका चेहरा मुस्कुराता हैं,
दर्द हर अक्षर का मुझको सताता हैं,
कह ना पाए मिल कर जो कभी,
लिख दी वो बातें पन्ने पर सभी,
जान कर ये अब दिल इतराए,
या आँखों को ये रुलाये,
कह कर गये थे लौटेंगे वो,
वापस तो अब तक ना आये,
चेहरा है उनका यादो में अब भी,
भरोसा हैं हमको वादों में अब भी,
हर आहट पर उनका ख्याल आया,
वो ना आये,पैगाम हर बार आया.
wah wah!!
ReplyDeletewah wha!!
कोई पैग़ाम आये ना आये अमन का पैग़ाम अवश्य आया
ReplyDeletenice one great
ReplyDeleteबहुत खूब!!!
ReplyDeleteजो गए वे फिर कब लौटे हैं फराज
ReplyDeleteफिर भी तू इंतज़ार कर शायद ...
बहुत बढ़िया.
ReplyDeleteसादर
हर आहट पर उनका ख्याल आया,
ReplyDeleteवो ना आये,पैगाम हर बार आया.
चलो पैगाम तो आया आखिर। सुन्दर एहसास।
post pdhne aur uspar apni rai dene ke liye aap sabhi ka bht bht shukriya...!!
ReplyDeleteab to tmhari comments ki tokri kafi bhar gai hai...
ReplyDeleteख्याल, आहट और पैगाम
ReplyDeleteवाह वाह !!
ईशा !! लेखनी और कवयित्री को बधाई
thnk u soooo much sir..!!
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