Friday, June 24, 2011

हर आहट पर उनका ख्याल आया,
वो ना आये,पैगाम हर बार आया,
पैगाम में उनका चेहरा मुस्कुराता हैं,
दर्द हर अक्षर का मुझको सताता हैं,
कह ना पाए मिल कर जो कभी,
लिख दी वो बातें पन्ने पर सभी,
जान कर ये अब दिल इतराए,
या आँखों को ये रुलाये,
कह कर गये थे लौटेंगे वो,
वापस तो अब तक ना आये,
चेहरा है उनका यादो में अब भी,
भरोसा हैं हमको वादों में अब भी,
हर आहट पर उनका ख्याल आया,
वो ना आये,पैगाम हर बार आया.

11 comments:

  1. wah wah!!
    wah wha!!

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  2. कोई पैग़ाम आये ना आये अमन का पैग़ाम अवश्य आया

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  3. जो गए वे फिर कब लौटे हैं फराज
    फिर भी तू इंतज़ार कर शायद ...

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  4. बहुत बढ़िया.

    सादर

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  5. हर आहट पर उनका ख्याल आया,
    वो ना आये,पैगाम हर बार आया.
    चलो पैगाम तो आया आखिर। सुन्दर एहसास।

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  6. post pdhne aur uspar apni rai dene ke liye aap sabhi ka bht bht shukriya...!!

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  7. ab to tmhari comments ki tokri kafi bhar gai hai...

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  8. ख्याल, आहट और पैगाम
    वाह वाह !!
    ईशा !! लेखनी और कवयित्री को बधाई

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