नगमे हैं, शिकवे हैं, किस्से हैं, बातें हैं,
बातें भूल जाती हैं,
यादे याद आती हैं....
हम सभी की ज़िन्दगी में तमाम यादें होती हैं जो हमारे दिल में बसी होती हैं. ये यादें किसी डायरी, फोटो, कार्ड, गिफ्ट, या लैटर के रूप में हमारे यादो के पिटारे में कैद होती हैं. जब भी हम अपने उस पिटारे को खोलते हैं तो उन सभी यादो का स्पष्ट चित्र हमारी आँखों के सामने बन जाता हैं और हमारे दिल को शायद ठीक ऐसा महसूस होता हैं की हम किसी मशीन के ज़रिये वापस उस वक़्त में लौट गये हैं.
ये वो लम्हे होते हैं जिनको जीते वक़्त हमको ये एहसास भी नहीं होता हैं के इनके बीतने के बाद इनकी हू-ब-हू तस्वीर हमारे दिल में छप जायेगी. ऐसे लम्हों से हर एक की ज़िन्दगी सजी होती हैं. इन लम्हों को इंसान अपनी आखिरी सांस तक नहीं भूलता. पहली बार स्कूल जाना, लाइफ की फर्स्ट फ्रेंड, एग्जाम के टाइम माँ का रात भर साथ में जागना, दोस्तों के साथ आढे तिरछे मुह बनाते हुए तस्वीरे खिचवाना, सरप्राइज पार्टी देना, कॉलेज में एडमिशन की एक्साइटमेंट के साथ १२ क्लास की फैरवल पार्टी, पहली बार खुद को साडी में संभालना, पापा की दी हुई सीख को डायरी में नोट करना, अपने लाइफ के फर्स्ट क्रश के लिए लिखा गया लैटर....ऐसी न जाने कितनी ही यादे हम अपने उस बक्से में कैद कर के रखते हैं. मैंने अगर अपने जीवन के इन सभी पलो को किसी न किसी रूप में अपने पिटारे में ना भी संजोया होता, फिर भी मैं इनका चित्र अपनी आँखें बंद करने पर देख सकती हूँ और अगर मैं चित्रकार होती तो इन सभी खूबसूरत चित्रों को कागज़ पर ज़रूर उकेरती.
आप सबको ये लग रहा होगा की मैं सिर्फ खूबसूरत यादो की बात कर रही हूँ जबकि जीवन में तो कडवी यादें भी होती हैं. दोस्तों हमने जब उन बुरे पलो को जिया था तब हमें जितना घुटना था, सहना था वो सह चुके. अब अगर हम फिर से उन बुरी यादो को टटोलेंगे तो अपना आज खराब करेंगे तो क्यों हम बार बार उन पलो को याद करे जिसमे सिर्फ दर्द, तकलीफ, सन्नाटा और आंसू हैं.
अगर आपको अपनी ज़िन्दगी की उन तमाम खूबसूरत यादो का चित्र अपनी आखें बंद करने पर कुछ धुंधला नज़र आ रहा हैं तो मेरी आपसे ये गुजारिश हैं की अपनी उन यादो के पिटारे को अपनी अलमारी में बंद ना रखे, उसको खोलकर, उसमे मौजूद तमाम गिफ्ट, चिट्ठिया, तस्वीरे, डायरी को छूकर, देखकर, पढ़कर, महसूस करके फिर से उन यादो का रंग अपनी ज़िन्दगी में चढ़ा लीजिये. और हां! एक बार उस खूबसूरत गुलाब को उठाकर उसको अपनी नाक के करीब ज़रूर ले जाइएगा, आपको उसकी महक ठीक वैसी ही महसूस होगी जैसी की गुलाब को डायरी में रखते वक़्त हुई थी.
ये यादें हैं तो हम हैं,
हमारी मुस्कराहट हैं,
दूर हो हम आपसे जितना भी,
पर ज़िन्दगी में आपकी आहट हैं,
हर एक की ज़िन्दगी कुछ आहत हैं,
पर हमको अपनी जिंदगी को, अपनी यादो से,
जिंदा रखने की चाहत हैं.
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ReplyDeleteA complete sketch and discription of Old Memories.
ReplyDeletemy heartiest wishes.
हर एक की ज़िन्दगी कुछ आहत हैं,
ReplyDeleteपर हमको अपनी जिंदगी को,
अपनी यादो से,
जिंदा रखने की चाहत हैं.
जालिम जिंदगी मंे यही तो राहत है।
बहुत ही बढीया।
आभार
बधाई।
Beautifully expressed after such a very long break.
ReplyDeleteRegards.
bahut khoob isi ke sahare yaden taza ho gayin
ReplyDeleteकभी कभी कुछ यादें भी जीने का सबब होती हैं। अच्छी पोस्ट्\ शुभकामनायें।
ReplyDeleteaap sabhi hai bht bht shukriya..!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया अंतिम पैराग्राफ ज्यादा जानदार है जिसमे गुजारिश है ये मेरा आंकलन है निष्कर्ष नहीं तो लिखते चलो बधाई
ReplyDelete@ mukul sir...thank u soooo much..!!
ReplyDeleteभूली बिसरी यादों का कोलाज
ReplyDeleteशब्दों में पिरोये हुए कुछ हसीं एहसास.... कलम नहीं लिखने का हुनर बोल रहा है !! बधाई ईशा
ReplyDelete@ arvind sir, puneet sir...thnx a lot..!!
ReplyDeletebahut badhiya isha.un sabhi yadon me le jane ke liye shukriya.
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