ना यहां हूँ ना वहां हूँ
खुद को ढूंढ़ते ढूंढ़ते पहुंची जहां
मैं वहां हूँ मैं वहां हूँ
उस खुदा की हूँ शुक्रगुज़ार
की जाना आज मैं कहाँ हूँ
होना ना चाहती थी जहां
मैं वहां हूँ मैं वहां हूँ
चलूंगी अपने रास्तो पर अब
पाऊँगी अपनी मंजिलो को अब
कह सकूँगी कल
होना चाहती थी जहां
मैं वहां हूँ मैं वहां हूँ |
बहुत खूब लिखा आपने.
ReplyDeleteआप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
thnx and happy new year to u too..! :-)
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