Saturday, January 1, 2011

मैं यहां हूँ

आज जाना मैं कहाँ हूँ 
ना यहां हूँ ना वहां हूँ
खुद को ढूंढ़ते ढूंढ़ते  पहुंची  जहां
मैं वहां हूँ मैं वहां हूँ
उस खुदा की हूँ शुक्रगुज़ार
की जाना आज मैं कहाँ हूँ
होना ना चाहती थी जहां
मैं वहां हूँ मैं वहां हूँ
चलूंगी अपने रास्तो पर अब
पाऊँगी अपनी मंजिलो को अब
कह सकूँगी  कल
होना चाहती थी जहां
मैं वहां हूँ मैं वहां हूँ |

2 comments:

  1. बहुत खूब लिखा आपने.

    आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .

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  2. thnx and happy new year to u too..! :-)

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