Monday, February 7, 2011

पुस्तक प्रेमियों को लुभाता पुस्तक मेला

लखनऊ, ७ फरवरी : "नेशनल बुक ट्रस्ट" दिल्ली द्वारा उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान और लखनऊ विश्वविद्यालय  वा जिला प्रशासन के सहयोग से लखनऊ विश्वविद्यालय के टेनिस मैदान में आयोजित पुस्तक मेला पुस्तक प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं. इसका उदघाटन शनिवार ५ फरवरी को भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष गोपाल चतुर्वेदी, साहित्यकार प्रो. बैजनाथ सिंह, लविवि के हिंदी विभाग की पूर्व अध्यक्ष  डॉ. सरला शुक्ला और समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. ए. एन. सिंह ने दीप जला कर किया. इस पुस्तक मेले में प्रवेश निशुल्क हैं. पुस्तक मेले में स्थानीय तथा देश भर के ११५ प्रकाशको ने हिस्सा लिया हैं और किताबो के १६२ स्टाल लगे हैं.


विरचुअस पब्लिकेशन:सबसे अधिक बच्चो की पसंद

स्टाल्स पर प्रदर्शित नयी एवं पुरानी पुस्तकों से पुस्तक प्रेमी ना केवल रूबरू हो रहे हैं बल्कि अपनी पसंद की पुस्तके भारी तादाद में चुन और खरीद रहे हैं. मेले में खरीददारो की संख्या को देख कर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंटरनेट और ई-बुक्स के चलन के बावजूद भी हाथो में पुस्तक को पकड़ कर पढने का शौक आज भी लोगो में व्याप्त हैं. पुस्तक मेले में जिन प्रकाशको और पुस्तक विक्रेताओं की सक्रिय भागीदारी  हैं उनमे- गौतम बुक सेन्टर, पुस्तक महल, राकेश बुक एजेंसी, नंदा बुक सर्विस, जनचेतना, अक्स-ओ-आवाज़, आर्य प्रकाशन, पदम् बुक कम्पनी, विरचुअस पब्लिकेशन, मर्कानी मक्तबा इस्लामी पब्लिशर, संस्कृति संस्थान, राजा बुक्सप्रभात प्रकाशन, सामयिक प्रकाशन, राजकमल प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट हैं.

नेशनल बुक ट्रस्ट देश भर में पुस्तक मेलो का आयोजन करता आया है. इसका गठन जवाहर लाल नेहरु ने पुस्तकों को बढ़ावा देने के लिए किया था. सभी स्टाल्स पर अलग अलग विषयों पर विविधतापूर्ण किताबे हिंदी, अंग्रेजी वा उर्दू भाषा में उपलब्ध हैं. कोर्स से सम्बंधित किताबे, वेद, पुराण, कुरआन, कविताएं, कहानी संग्रह, विज्ञान एवं वातावरण से सम्बंधित किताबे, महापुरुषो के जीवन से सम्बंधित किताबे, रामायण, महाभारत, प्रेरणादायक पुस्तके उपलब्ध हैं. पुस्तक विक्रेता मेले की सुरक्षा व्यवस्था के इंतज़ाम से संतुष्ट दिखे.

नंदा बुक स्टाल के संजय कुमार कहते हैं " लखनऊ की जनता में किताबो के प्रति जो लगाव दिख रहा है वह बेहद सरहानीय हैं. मुझे अपने बुक स्टाल पर अच्छा रिस्पोंस मिल रहा है. मैं इस पुस्तक मेले का हिस्सा बन कर बहुत खुश हूँ." 
विक्रेता एजाज हसन कहते है "वह व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं. सूखी मिटटी के मैदान में कालीन ना  बिछे होने के कारण धुल मिट्टी स्टाल्स को गन्दा कर रही हैं और इससे मेले की शोभा भी कम हो रही हैं साथ ही कैंटीन की कोई उचित व्यवस्था न होने के कारण काफी दिक्कत हो रही हैं."

अपनी पसंद की किताबे  छाटते खरीददार
मेले में हर वर्ग के पुस्तक प्रेमियों की भारी तादाद से मेले की रौनक बढ़ी हुई हैं. छोटे बच्चे कामिक्स,कहानिया और कलर बुक्स खरीदने के इच्छुक दिखे. वही युवा वर्ग में चेतन भगत के उपन्यास, स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारियों से सम्बंधित किताबे, जे.के रौलिंग की किताबो, और विश्व के सफल व्यक्तित्वों की आत्मकथाए  जैसे बराक ओबामा की आत्मकथा द ऑडिसिटी ऑफ होप, महात्मा गांधी की आत्मकथा सत्य के साथ मेरे प्रयोग, अब्राहम लिंकन, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर, हरिवंश राय बच्चन और मदर टेरेसा की आत्मकथा से सम्बंधित किताबो की मांग देखने को मिली.

दसवी कक्षा की आकांक्षा ने कहा " मैं इस पुस्तक मेले में आकर बहुत खुश हूँ क्योंकि मुझे कई अंग्रेजी की किताबे १०% की छूट के साथ हिंदी में आसानी से मिल गयी."
किताब के अन्दर वा बाहर छपे दाम
इस मेले में प्रेमी युवा जोड़ो की भीड़ मेले की रौनक को बढ़ा रही हैं. मेले में आये शोभित कहते है " इस वेलेनटाइन वीक में वो अपनी गर्लफ्रेंड के लिए कुछ लव स्टोरीस खरीदने की चाह को इस मेले में आसानी से पूरा कर रहे हैं."
गौतम बुक सेन्टर पर आये सौरभ थोड़े परेशान दिखे उन्होंने कहा " किताबो के अन्दर कम दाम छपे है लेकिन किताबो के पीछे अधिक दाम की स्लिप चिपका रखी गयी हैं."
नेशनल बुक ट्रस्ट के सहायक निदेशक मयंक सुरोलिया ने बताया की मेले में ९, १०, ११ फरवरी को  सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. १३ फरवरी तक चलने वाले इस पुस्तक मेले में आप भी सुबह १० से शाम ८ बजे तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर किताबो का आनंद ले सकते हैं.

6 comments:

  1. कुछ तथ्यात्मक त्रुटियों को छोड़ दिया जाए तो अच्छा प्रयास है ,
    . इसका उदघाटन शनिवार ५ फरवरी को भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष गोपाल चतुर्वेदी, साहित्यकार प्रो. बैजनाथ सिंह, लविवि के हिंदी विभाग की पूर्व अध्यक्ष डॉ. सरला शुक्ला और समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. ए. एन. सिंह ने दीप जला कर किया.
    इसको लिखने की क्या जरुरत थी खबर ७ की है क्या ५ और ६ को अखबार नहीं आया था ए एन सिंह समाज कार्य विभाग के अद्यक्ष हैं
    लिखते रहें

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  2. बहुत अच्छी रिपोर्टिंग की है आपने.
    हम भी आज या कल मेले में जायेंगे.

    बसंत पंचमी की शुभ कामनाएं.

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  3. @ sir..thank you for ur suggestions...next tym i'l keep this in mind..
    @ yashwant ji..thank you sooo much..ji jaroor jayige ..bht accha fair hai..!! aur aapko bhi basant panchmi ki shubhkaamnaayen. :)

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  4. आभार इस रपट के लिए.

    आपको एवं आपके परिवार को बसंत पंचमी पर हार्दिक शुभकामनाएं.

    सादर

    समीर लाल
    http://udantashtari.blogspot.com/

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  5. very nicely vowen. prasansha ke yogya hai balike!

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