कुछ लिखो तो
कहते है लोग
तुम जो महसूस करते हो
वो लिखते हो
क्या किसी के एहसासों को
शब्दों में पिरोना
मुश्किल है ?
कोई शांत हो तो
कहते है लोग
गंभीर हो तुम
क्या किसी के मौन को समझना
मुश्किल है ?
कोई ज़ख़्मी हो तो
ज़ख्म को उसके
कुरेदते है लोग
क्या किसी के ज़ख्म पे मरहम लगाना
मुश्किल है ?
आँख से गिरते आंसू देख
कहते है लोग
कमज़ोर हो तुम
क्या अपनी ही आँख से आंसू छलकाना
मुश्किल है ?
आपको अपना कहते है
जो लोग
उनके लिए
आपको ही समझ पाना
क्यूँ मुश्किल है ?
कहते है लोग
तुम जो महसूस करते हो
वो लिखते हो
क्या किसी के एहसासों को
शब्दों में पिरोना
मुश्किल है ?
कोई शांत हो तो
कहते है लोग
गंभीर हो तुम
क्या किसी के मौन को समझना
मुश्किल है ?
कोई ज़ख़्मी हो तो
ज़ख्म को उसके
कुरेदते है लोग
क्या किसी के ज़ख्म पे मरहम लगाना
मुश्किल है ?
आँख से गिरते आंसू देख
कहते है लोग
कमज़ोर हो तुम
क्या अपनी ही आँख से आंसू छलकाना
मुश्किल है ?
आपको अपना कहते है
जो लोग
उनके लिए
आपको ही समझ पाना
क्यूँ मुश्किल है ?
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