प्यार क्या होता हैं?
प्यार क्यूँ होता हैं?
प्यार कैसे होता हैं?
प्यार कब और किससे होता हैं?
क्या परिभाषा हैं इसकी?
या परिभाषा रहित हैं प्यार?
कुछ समझ में नही आता,
जो समझ में आता हैं वो हैं
किसी की हँसी में आपकी ख़ुशी,
किसी के गम में आपका साथ,
आपकी दुआ में उसका होना,
आपके जीवन में उसका एहसास,
एक मीठा, नि:स्वार्थ भाव,
जिसके होने इस अन्धकार रौशनी लगे,
जिसकी आवाज़ भरी महफ़िल में भी
स्पष्ट सुनाई पड़े,
जिसके होने से खुद के होने का एहसास हो,
जिसकी एक आवाज़ से आप जीवन जी जाए,
जिसके छूने से मृत्यु का भय भी दूर हो जाए,
शायद यही हैं प्यार !!!
nice poem....!!!
ReplyDeletethanx dear..!!!
ReplyDeleteएक कोशिस और करो मामला कुछ बनता सा नहीं दिख रहा है
ReplyDeleteजिसके होने से खुद के होने का एहसास हो,
ReplyDeleteजिसकी एक आवाज़ से आप जीवन जी जाए,
जिसके छूने से मृत्यु का भय भी दूर हो जाए,
शायद यही हैं प्यार !!!
बहुत खूब ईशा जी!
@ mukul sir..ok sir..koshish jaari rahegi..
ReplyDelete@ yashwant ji..thnx a lot..!
pyar diwana hota hai mastana hota hai
ReplyDeletehar khushi se har gam se begana hota hai