दुनिया में चारो तरफ प्यार हैं,
आईने में देखकर मुस्कुराना प्यार हैं,
माँ के आँचल की ममता प्यार हैं,
पिता की डाट प्यार हैं,
भाई का दुलार प्यार हैं,
दोस्तों का साथ प्यार हैं,
बहन का ख्याल प्यार हैं,
आँगन में बैठी चिड़िया प्यार हैं,
खिलते फूल में प्यार हैं,
किताब में रक्खे सूखे गुलाब में प्यार हैं,
बारिश की बूंदे प्यार हैं,
संगीत में प्यार हैं,
हवा की बहार में प्यार हैं,
नदी की बहती धार में प्यार हैं,
दुआ में प्यार हैं,
हसीं में प्यार हैं,
अश्क में प्यार हैं,
ओस की बूँद में प्यार हैं,
पेड़ की छाव में प्यार हैं,
सूरज की रौशनी में प्यार हैं,
रात के ख्वाब में प्यार हैं,
हर एहसास जो अपना हैं,प्यार हैं.
unda hai.............
ReplyDeleteshukriya sir...!!
ReplyDeleteबहुत सही लिखा आपने ईशा जी.
ReplyDelete(सौरी मैं देर से आपकी इस पोस्ट पर आ सका.)
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वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी जी के ब्लॉग पर आज मेरा लेख
@ yashwant ji..aapne padha wo hi bht hai..bht bht shukriya...!!
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