खतरे बहुत आयेंगे राह में, मुश्किलें भी आयेंगी,
घबराना नहीं ऐ दिल मेरे, ऑंखें आंसू भी बहायेंगी
चाहे पथरीले हो रास्ते, चाहे अँधकार फैला हो,
तू खुद में आग जलाये रखना, चाहे समाज कितना भी मैला हो
आशा की नाव को, मेहनत से करना पार,
याद रख कमज़ोर ही, मानते है हार
कोई दिन कभी सतायेगा, कोई षण कभी रुलायेगा,
फिर भी बढ़ना आगे, एक दिन तू ही मुस्कुरायेगा
बहुत होंगे तेरे विरोधी, कदम पीछे खीचेंगे,
जब देखना चाहेगा सच्चाई, आँख तेरी मीचेंगे,
न करना खुद को कमज़ोर, मंजिल होगी आगे खड़ी
सफ़र भी करना तय ऐसे, याद आये हर घडी
इंसान वही है जिसने, तक़दीर अपने हाथों से लिखी,
वह तो बुत है जिसको किस्मत अपनी लकीरों में दिखी,
तय कर तू है बुत या है इंसान,
ख़ोजना उत्तर सत्य, अन्यथा तू ज़िन्दगी से बईमान |
जिंदगी के अंदाज़ अलग|
ReplyDeleteकुछ पल कैसे खास अलग |
सोच के जीना ए मत बंदे |
शमा जलेगी खास अलग |
bhut sundar..laazwaab likhti hai aap
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है आपने.
ReplyDeleteयह पोस्ट आज यहाँ है-http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/2011/06/blog-post_10.html
सादर
इंसान वही है जिसने, तक़दीर अपने हाथों से लिखी,
ReplyDeleteवह तो बुत है जिसको किस्मत अपनी लकीरों में दिखी,
तय कर तू है बुत या है इंसान,
ख़ोजना उत्तर सत्य, अन्यथा तू ज़िन्दगी से बईमान |
बहुत बढिया !!